लेखनी प्रतियोगिता -12-Apr-2022 सपना
सपनों की दुनिया में रहते हैं हम,
हकिकत में कुछ ना कहते हैं हम,
मन में छुपे हैं लाखों गम,
मन ही मन टुटे हैं हम,
सपना था कि कुछ करके दिखाते हैं ,
उम्मीदों को पंख लगाते है,
मगर कतरे गये ये पंख,
बाजे कैसे जीत का शंख,
दिल है भारी ,
आँखे है नम,
सपनों की दुनिया में रहते है हम ।
एक-दिन वो आएगा ,
जब जीत जाएंगे हम,
उम्मीद न होने देंगे कम ,
मिटाना ही होगा लोगों का भरम,
सपनों की दुनियाँ में रहते है हम,
हकिकत में कुछ ना कहते है हम ।
Fareha Sameen
13-Apr-2022 02:16 PM
Good one
Reply
Reyaan
13-Apr-2022 12:24 PM
Nice
Reply
Shnaya
13-Apr-2022 12:07 PM
Nice 👍🏼
Reply